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आपदा प्रबंधन

गर्मी की लहर से बचाव

गर्मी की लहर से सुरक्षा

शीत लहर से बचाव

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सामान्य तौर पर आपदा का तात्पर्य किसी ऐसी दुर्धटना से है जिससे निपटने के लिए व्यक्ति या समुदाय को बाहरी संसाधनों की आवष्यकता पड़ती है, जिसमें वह स्वयं समर्थ न हो।
राज्य आपदा प्रबन्ध अधिनियम-2005 में आपदा को दैवीय मानव जनित अथवा लापरवाी से हुई किसी ऐसी बड़ी दुर्धटना के रूप में परिभाषित किया गया है, जिसमें व्यापक जन-धन की हानि, पर्यावरण की क्षति कारित हो तथा प्रभावित क्षेत्र के लोग उसका सामना करने में असमर्थ हो। परम्परागतरूप से जनपद फतेहपुर में विषेष तौर पर दैवी आपदा जैसे बाढ़, सूखा, अग्निकाॅण्ड, आकाषीय विद्युत, ओलावृष्टि शीतलहर, लू-प्रकोप आदि के बाद पीड़ितो अथवा प्रभावित व्यक्तियों के वारिसों को राहत सहायता उलब्ध कराना मुख्य कार्य होता है। जनपद फतेहपुर में जिला आपदा प्रबन्ध प्राधिकरण का गठन दिनांक-04.07.2012 को किया गया है।
जिला आपदा प्रबन्ध प्राधिकरण के अध्यक्ष पदेन जिलाधिकारी सहित कुल 07 सदस्य हैः-

1.जिलाधिकारीअध्यक्ष

क्र.सं. पद नामित पद
2. जिला पंचायत अध्यक्ष सह अध्यक्ष
3. पुलिस अधीक्षक सदस्य
4. अपर जिलाधिकारी सदस्य/सचिव
5. मुख्य चिकित्साधिकारी सदस्य
6. अधि0अभि0, निर्माण खण्ड-2 सदस्य
7. अधि0अभि0, जल निगम सदस्य